Tuesday 10 January 2017

PC Configuration for Remote Sensing GIS - सुदूर संवेदन के लिए कंप्यूटर की कॉन्फ़िगरेशन

ये सारे तथ्य हमारे अपने अनुभव से हैं | अगर आप कोई कंप्यूटर लेने जा रहे हैं जिस पे GIS का काम हो तो एक बार निचे दी विडियो देख लें और यहाँ लिखा पड़ लें |

सॉफ्टवेर की साईट पे जो कंप्यूटर की कॉन्फ़िगरेशन दी होती है वो सिर्फ उस सॉफ्टवेर को इनस्टॉल करने के लिए दी होती हैं और ये लिखा होता है की ये कम ये कम इतना होना चाहिए | परन्तु जब आप उसे चलाते हैं तो उस से कहीं जयादा प्रोसेसिंग पॉवर की जरूरत पड़ती हैं |
GIS का काम करने के लिए हमारे अनुसार ये कॉन्फ़िगरेशन होनी चाहिए


  1. RAM 32 GB अथवा अधिक (DDR4 OR DDR5)
  2. इंटेल का xeon processor 4Ghz
  3. SSD (Non Rotating Hard disk) Solid State Drive



Saturday 7 January 2017

लैंडसैट 8 के डिजिटल नंबर को सतह के तापमान में बदलना

लैंडसैट 8 का प्रयोग करना 

ये जानकारी यहाँ भी उपलब्ध है (Source: https://landsat.usgs.gov/using-usgs-landsat-8-product)

लैंडसैट 8 में बैंड १० और ११ सतह का तापमान जानने के लिए प्रयोग  किये जाते हैं | जिसमे बैंड १० ताप तरंगो के कुछ पास के तरंग लम्बाई में है परन्तु बैंड ११ पूर्ण रूप से ताप को सेन्स करता है इस लिए बैंड ११ का प्रयोग करना की उचित समझा जाता है | परन्तु जब सॅटॅलाइट फोटो लेता है जो अदृश्य सूक्ष्म तरंग क्षेत्र  की हो वो  उसकी डिजिटल फिल्म में सीधे तरंग के (wavelength) तरंग लम्बाई के रूप में अंकित नहीं होती | क्योंकि डिजिटल फिल्म सिर्फ पूर्ण संख ही रिकॉर्ड कर सकती है दशमलव में नहीं , इस समस्या को हल करने के लिए उसे 16 बिट पे अंकित किया जाता है जिस से सब डाटा कुछ अधिक स्केल में अंकित होता है परन्तु सब रिकॉर्ड हो जाता है | इस अधिक डाटा को हम बाद में कम स्केल फैक्टर से प्रोसेस का के हम उसके मूल रूप में ला सकते हैं अथवा पूर्ण रूप से उस से वो प् सकते हैं जी के लिए वो बना है | परन्तु इस के लिए हमे डाटा को प्रोसेस करना होगा और गणित के मॉडल के द्वारा कैलकुलेशन (गणन्ना ) करनी होगी | इस तरह हमे सतह का तापमान मिल जायेगा | नासा हमे डाटा देता हैं परन्तु प्रोसेस उसे हमे करना होता है |  निचे वो सम्पूर्ण फार्मूला दिया है जिसके माध्यम से आप सतह का तापमान निकल सकते हैं | सतह का तापमान फसल , शहर की योजना और वाष्पीकरण की जानकारी के लिए महतवपूर्ण रहता है | ये सब की भी आप गन्ना कर सकते हैं | ये सारा कार्य आप एक एक से अधिक सॉफ्टवेर में कर सकते हैं परन्तु इस सब के लिए आपके कंप्यूटर की 8 GB, RAM हो i5 अथवा i7 प्रोसस्सेर हो और SSD हो तो अति उतम है , नहीं तो कंप्यूटर कुछ समय के लिए गरम हो जायेगा क्योंकि उसको कई अर्ब पिक्स्ले को प्रोसेस करना है | समस्त कार्य का फार्मूला निचे दिया गया है अथवा आप इस किताब को डाउनलोड कर के भी पड़ सकते हैं |


Conversion to TOA Radiance
OLI and TIRS band data can be converted to TOA spectral radiance using the radiance rescaling factors provided in the metadata file:
Lλ = MLQcal + AL 
where:              
Lλ          = TOA spectral radiance (Watts/( m2 * srad * μm))
ML         = Band-specific multiplicative rescaling factor from the metadata (RADIANCE_MULT_BAND_x, where x is the band number)
AL          = Band-specific additive rescaling factor from the metadata (RADIANCE_ADD_BAND_x, where x is the band number)
Qcal        = Quantized and calibrated standard product pixel values (DN)         

Conversion to TOA Reflectance
OLI band data can also be converted to TOA planetary reflectance using reflectance rescaling coefficients provided in the product metadata file (MTL file).  The following equation is used to convert DN values to TOA reflectance for OLI data as follows:
ρλ' = MρQcal + Aρ 
where:              
ρλ'          = TOA planetary reflectance, without correction for solar angle.  Note that ρλ' does not contain a correction for the sun angle.
Mρ         = Band-specific multiplicative rescaling factor from the metadata (REFLECTANCE_MULT_BAND_x, where x is the band number)
Aρ          = Band-specific additive rescaling factor from the metadata (REFLECTANCE_ADD_BAND_x, where x is the band number)
Qcal        = Quantized and calibrated standard product pixel values (DN)

TOA reflectance with a correction for the sun angle is then:
ρλ ρλ'=ρλ'
cos(θSZ)sin(θSE)
where:              
ρλ          = TOA planetary reflectance
θSE         = Local sun elevation angle. The scene center sun elevation angle in degrees is provided in the metadata (SUN_ELEVATION).
θSZ         = Local solar zenith angle;  θSZ = 90° - θSE
For more accurate reflectance calculations, per pixel solar angles could be used instead of the scene center solar angle, but per pixel solar zenith angles are not currently provided with the Landsat 8 products.

Conversion to At-Satellite Brightness Temperature
TIRS band data can be converted from spectral radiance to brightness temperature using the thermal constants provided in the metadata file:
T = K2
ln( K1 +1)
Lλ
where:              
T           = At-satellite brightness temperature (K)
Lλ          = TOA spectral radiance (Watts/( m2 * srad * μm))
K1          = Band-specific thermal conversion constant from the metadata (K1_CONSTANT_BAND_x, where x is the thermal band number)
K2          = Band-specific thermal conversion constant from the metadata (K2_CONSTANT_BAND_x, where x is the thermal band number)
अगर आप उपर लिखा सब प्रोसेस करंगे तो आपको इस तरह की आउटपुट मिलेगी | ये जयपुर शहर की सॅटॅलाइट इमेज को [रोसेस करने के बाद तापमान निकला गया है |  यदि हमसे संपर्क करना हो तो आप फेसबुक पे जा का इस पेज से हमे संदेश दे सकते हैं , आपको जवाब जरुर मिलेगा https://www.facebook.com/IndianRemoteSensing/   नए अपडेट के लिए इसे लाइक भी कर सकते हैं | 




Friday 6 January 2017

Download India Shapefile with Kashmir and Process

डाउनलोड करने से पहले YouTube विडियो जरुर देख लें | क्योकि इस डाटा को डाउनलोड कर के आपके क्षेत्र के अनुसार प्रोसेस करना होगा |

Click Here to Download.

See Step By Step Process or Watch Video for Processing.

  1. ये डाटा डेसीमल डिग्री में है 
  2. सर्वप्रथम ऐड करें
  3. फिर जियोग्राफिक प्रोजेक्शन पैर सेट करें 
  4. इसको डाटा फ्रेम के साथ एक्सपोर्ट के के फिर से ऐड करें 
  5. अब इसको अपने क्षेत्र की UTM Zone पे के साथ एक्सपोर्ट करें 
  6. अब भारत का का डाटा तयार है 


Wednesday 4 January 2017

एक अनोखा गाँव जो पुरातन ज्वालामुखी पे बसा है

भारत में भुमते हुए एक दिन ऐसा गाँव मिल गया जो पुरातन ज्वालामुखी के लावा पे बसा है | वो भी इतना पुराना जब धरती अन रही थी अथवा हिमालय बन रहा था | क्योंकि वर्तमान समय में ये सक्रिय नहीं है | ये इतना पुराना प्रमाण है की हमे धरती और इसके जियोलाजिकल इतिहास के बारे में काफी कुछ बता सकता है | वर्तमान में ठीक इसके उपर लावा प्रवाह के क्षेत्र में गाव बसा हुआ है | शायद गावं के लोग भी इसे नहीं जानते की वो किस पे बसे हैं | देखें निचे दिया गया पूरा विडियो | 


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